आधुनिक विकृत जीवन शैली के कारण उत्पन्न होने वाले कई रोग जैसे ब्लड शुगर , रक्त चाप, मोटापा ,कोलेस्ट्रॉल, थायराइड, कब्ज, क्रोध , तनाव और अवसाद के पूर्ण उपचार के लिए श्रीमद्भगवतगीता गीता के अध्याय 17 के 8 वे श्लोक में सात्विक आहार बताया गया है।
शरीर से विषैले और विजातीय तत्वों को हटाने के हठयोग-प्रदीपिका और घेरण्ड संहिता में बताये गए तरीके।
मानव जीवन में आने वाली नित्य प्रति समस्याओं को हल करने के लिए धार्मिक ग्रंथों जैसे सांख्यकरिका,पतंजलि के योगदर्शन के सूत्र तथा उपनिषद एवं श्रीमद्भगवतगीता में बताये गए उपायों का प्रभाव।